vivek posted an update 7 years, 8 months ago
मैने मेरे एक दोस्त को फोन किया और कहा कि यह मेरा नया नंबर है save कर लेना.
उसने बहुत अच्छा जवाब दिया और मेरी आँखों से आँसू निकल आए.
उसने कहा तेरी आवाज़ मैंने save कर रखी है नंबर तुम चाहे कितने भी बदल ले मुजे कोई फर्क नहीं पड़ता मै तुझे तेरी आवाज़ से ही पहचान लूंगा
ये सुनके मुजे हरिवंश राय बच्चनजी की बहुत ही सुन्दर कविता याद आ गई….
अगर बिकी तेरी दोस्ती तो पहले खरीददार हम होंगे..!! तुझे खबर ना होगी तेरी कीमत पर तुजे पाकर सबसे अमीर हम होंगे..!! दोस्त साथ हो तो रोने में भी शान है दोस्त ना हो तो मेहफील भी शमसान है सारा खेल दोस्ती का हे ए मेरे दोस्त वरना जनाझा और बारात एक ही समान है
सारे दोस्तों को समर्पित…!!!